भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

उसे जो न करना था, सो कर गया / तारा सिंह

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

उसे जो न करना था, सो कर गया
मेरे जख्मों पर नमक पीसकर धर गया

कर अपनों का कत्ल रात में,सुबह दोष
एक मासूम बीमार के माथे जड़ गया

मैं तो शुक्रगुजार हूँ खु़दा का, जो कल
एक सड़क हादसे में वह गुजर गया

वरना मार ही डालता, हम सबको वह
यह ख़बर गलत थी,कि वह सुधर गया

जिक्र आज भी होती है बज़्म में,अक्सर
उसकी, जो वक्त से पहले सफ़र गया