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उसे मेरा ख़याल आता तो होगा / कांतिमोहन 'सोज़'
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उसे मेरा ख़याल आता तो होगा ।
मोहब्बत करके पछताता तो होगा ।।
सारे-शहराह<ref>मुख्य मार्गों पर</ref> लुटकर और पिटकर
वो आख़िर अपने घर जाता तो होगा ।
सरे-मक़तल मोहब्बत की अक़ीदत<ref>महत्ता</ref>
किसी क़ातिल को समझाता तो होगा ।
कभी पूरी तरह मेले में घिरकर
अकेलेपन से घबराता तो होगा ।
कभी मेरी तरह रोता न हो पर
कभी आंसू में मुस्काता तो होगा ।
किसी आशिक़ से दिल पर चोट खाकर
उसे आईना दिखलाता तो होगा ।
उसे भी सोज़ की रूदाद<ref>कहानी</ref> सुनकर
घड़ी भर को यक़ीं आता तो होगा ।।
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5 मई 2022
शब्दार्थ
<references/>