उसे हमने बहुत ढूँढा न पाया / ज़ौक़
उसे हमने बहुत ढूँढा न पाया
अगर पाया तो खोज अपना न पाया
जिस इन्साँ को सगे-दुनिया<ref>सांसारिक कुत्ता,व्यसन-लिप्त</ref> न पाया
फ़रिश्ता उसका हमपाया<ref>बराबर का</ref> न पाया
मुक़द्दर<ref>भाग्य</ref> से ही गर सूदो-ज़ियाँ<ref>लाभ-हानि</ref> है
तो हमने याँ न कुछ खोया न पाया
अहाते से फ़लक़<ref>क्षितिज</ref> के हम तो कब के
निकल जाते मगर रस्ता न पाया
जहाँ देखा किसी के साथ देखा
कहीं हमने तुझे तन्हा न पाया
किया हमने सलामे- इश्क़ तुझको!
कि अपना हौसला इतना न पाया
न मारा तूने पूरा हाथ क़ातिल!
सितम में भी तुझे पूरा न पाया
लहद<ref>कब्र</ref>में भी तेरे मुज़तर<ref>प्रेम-रोगी</ref> ने आराम
ख़ुदा जाने कि पाया या न पाया
कहे क्या हाय ज़ख़्मे-दिल हमारा
ज़ेहन पाया लबे-गोया <ref>वाक-शक्ति</ref> न पाया