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उस से / अज्ञेय

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अच्छा लगता है
यों तुम्हें पीछे छोड़ जाना
बँधी हुई भावना निबाहते
संकल्प की स्वतन्त्रता का बहाना।
अकेले श्रम साहस कर
रचना में खोना विनय से लोकालय में रम जाना।
अच्छा लगता है
फिर बाहर छोड़ दुनिया को
थके-माँदे घर आना।
प्रतीक्षा में, पहचान में, आस्था में
अपने को पाना।