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ऊँघतीं हैं दोपहर की कच्ची डगार से / तेजी ग्रोवर
Kavita Kosh से
ऊँघतीं हैं
दोपहर की कच्ची डगार से
मुनगे की सूख चुकी फलियाँ
सींच जाती है
उड़ती कोई चिड़िया
दूबरी
परछाईं से