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ऊँचा री कोट सुरंग देवी जालमा / हरियाणवी
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हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
ऊंचा री कोट सुरंग देवी जालमा हरियल पीपल तेरे बार मेरी माय
हरियल पीपल पड़ी ए पंजाली तैं तो झूलै आज भवानी मेरी माय
कौन जै झूले मइया कौण झुलावै कौण जै झोटे देवै मेरी माय
देरी री झूलै मइया लोकड़िया झुलावै धणराज झोटे देवै मेरी माय
सीस राणी तेरे स्यालू री सोहै ऊपर जरद किनारी मेरी माय
हाथ राणी तेरे महंदा सोहै पोरी पोरी छलले बिराजैं मेरी माय
पैर राणी तेरे पायल सौहे बिछवे रुण झुण बाजे मेरी माय
सोवै के जागै मेरी सात भवानी तेरी सात सवाई मेरी माय
इब के तो गुनाए बकस मेरी जालमा तेरै जैजै करदा आऊं मेरी माय
बेटे री पोते मइया साथ री ल्याऊं नंगे पैरें आऊ मेरी माय