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ऊंधी आस / चंद्रप्रकाश देवल
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लगौलग अेक गाढी चिड़चिड़ी उडीक में
चीजां भाटा व्है जावै
अेकर म्हैं
नदी में झीलतां
पांणी री निजर बचाय
जद बैवता पांणी री चुम्मी लीवी
खेल-खेल में
उणीज पुळ-घड़ी सूं
नदी रै कांठै बण्योड़ौ भाटौ
उडीकूं
वौ बह्योड़ौ पांणी पाछौ कद आवै
रैय-रैय समदर तांई जावण री आस सतावै।