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ऎसा भी हुआ है कभी / केदारनाथ अग्रवाल
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ऎसा भी हुआ है कभी
कि सूर्य मरा हुआ पैदा हुआ है सवेरे
और आदमियों ने फिर भी
- अंधकार को ललकारा है
कि वह भाग गया है
दुम दबाए हुए कुत्ते की तरह