भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

एकता के एहसास / श्रीकान्त व्यास

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

एक जंगल के अजब कहानी,
शेर राजां करै मनमानी।

रोजे नीलगाय पर दौड़ै,
मारना नै झपट्टा छोड़ै।

बंदर मामा पर खिसियावै,
बकरिया पर दाँत गड़ावै।

शेर के डर सें जंगल काँपै,
डरोॅ सें गीदड़ें आँख झाँपै।

भालू भांय मिटिंग बुलैलकै,
एक-सें-एक तरकीब सुझैलकै-

अन्याय के विरोध करोॅ भाय,
आपस में नै तहोॅ लड़ोॅ भाय।

एकता के एहसास करावोॅ,
शेर सें तोॅ छुटकारा पावोॅ।