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एक्लो / शैलेन्द्र साकार
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पात झै एक्लो रुखमा 
रुख झै एक्लो जङल मा 
कोइला झै एक्लो अग्नी कुन्डमा 
बाटो झै एक्लो यात्रा मा 
सुकरात झै एक्लो मानिस मा 
अङार झै एक्लो ज्वाला मा 
ष्रोता झै एक्लो सभा मा 
थोपा झै एक्लो समुन्द्र मा 
किरण झै एक्लो उज्यालो मा 
बिचार झै एक्लो दर्शन मा 
सत्ता झै एक्लो सन्सद मा 
भगवान झै एक्लो मन्दिर मा ।
 
	
	

