भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
एक अनोखी मस्जिद / कल्पना सिंह-चिटनिस
Kavita Kosh से
एक मस्जिद ऐसी
जहाँ हर रोज
नए नए लोग आकर
सिजदे करते हैं,
और वक़्त बेवक़्त
नमाज़ों की अदायगी होती है।
कोई आगे कोई पीछे उठता है
और आमीन कहकर चल देता है।