एक अमेरिकी लेखक से बातचीत / येव्गेनी येव्तुशेंको / विनोद दास
वे कहते हैं :
आप एक दिलेर इंसान हैं
यह कहना सही नहीं है
मैं दिलेर कभी नहीं रहा ।
लेकिन जिस तरह मेरे लेखक बन्धु रेंगते हैं
मुझे सचमुच घटिया और अपमानजनक लगता है
मेरे मिज़ाज में क्रान्तिकारिता नहीं है
मैंने महाघोटाले देखे हैं
उनकी हंसी उड़ाई है और लड़ा हूँ ।
लेख लिखे हैं
पुलिस रिपोर्ट नहीं लिखी है
मैं जो सोचता हूँ, बस, उसे ही कहने की कोशिश भर की है
हाँ ! मैंने उनका बचाव ज़रूर किया है जिन्होंने अपनी प्रतिभा दिखाई है ।
मैंने छद्म और मझोले लेखन की आलोचना की है
दरअसल यह सब आमतौर से नहीं किया जाता है
लिहाज़ा, मेरी दिलेरी के बारे में इतना बखान होता है
और जब हमारी सन्तानें रचना जल्दी पूरा करने के फेर में कूड़ा-कचरा लिखती हैं
उन्हें शर्मिंदगी के साथ याद रखना होगा
कि इस बेहूदे और बेतुके समय में
ईमानदारी की एक मामूली चमक को
दिलेरी का नाम दिया गया था ।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : विनोद दास
लीजिए, अब यही कविता मूल रूसी भाषा में पढ़िए
Евгений Евтушенко
Монолог американского писателя
"Мне говорят - ты смелый человек.
Неправда. Никогда я не был смелым.
Считал я просто недостойным делом
унизиться до трусости коллег.
Устоев никаких не потрясал.
Смеялся просто над фальшивым, дутым.
Писал стихи. Доносов не писал.
И говорить старался все, что думал.
Да, защищал талантливых людей.
Клеймил бездарных, лезущих в писатели.
Но делать это, в общем, обязательно,
а мне твердят о смелости моей.
О, вспомнят с чувством горького стыда
потомки наши, расправляясь с мерзостью,
то время очень странное, когда
простую честность называли смелостью..."
1960