भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

एक अहसास / सुरजीत पातर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मुखपृष्ठ  » रचनाकारों की सूची  » रचनाकार: सुरजीत पातर  » एक अहसास

एक अहसास

इधर डूबता सूरज है
उधर झड़ते पत्ते हैं
इधर विह्वल नदी है
उधर सूना पथ है

मेरे चारों ओर ये
दर्पण क्यों लटका दिए

अनुवाद: चमन लाल