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एक आयरिश वायुसैनिक का मृत्यु-दर्शन / बालकृष्ण काबरा ‘एतेश’ / विलियम बटलर येट्स

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मुझे पता है ऊपर कहीं बादलों में
मैं करूँगा अपने भाग्य से मुलाक़ात;

जिनके खिलाफ लड़ता हूँ मैं उनसे नफरत नहीं करता
जिनकी रक्षा करता हूँ मैं उनसे प्यार नहीं करता;
मेरी मातृभूमि है किल्टार्टन क्रॉस,
मेरे हमवतन हैं किल्टार्टन के गरीब;
कोई भी परिणाम उन्हें नहीं पहुँचा सकता है क्षति
या दे सकता है उन्हें पहले से अधिक खुशी।

मैं आया लड़ने न किसी कानून या कर्तव्य से
न जन-नायक, न ही भीड़ के प्रोत्साहन से;
थी यह मन की अकेली उल्लसित तरंग
ले आई जो मुझे बादलों के इस कोलाहल में;

मैंने बराबर सोचा, मन में आई सभी बातों पर,
साँसों की बर्बादी है आने वाले सालों में,
साँसों की बर्बादी थी बीते हुए सालों में
जीवन की इस तुला में चुना है मृत्यु को।

मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : बालकृष्ण काबरा ‘एतेश’