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एक ई ओळी / सांवर दइया

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फूल सगै बतळावतै भंवरै नै देख
सोध्यो म्हैं अरथ एक

डाळ माथै
गटर गूं-गटर गूं सुणी
पुख्ता हुयो अरथ सागी

अबै म्हारै सामैं
चांद है…… बादळ है
चूड़ियां री खणक है
      काजळ है
टीकी है

आ रुत
रूड़ी-रूपाळी-नीकी है

सुगनां सूं ई बकार देखो भलांई
उथळो सागी-
अबार नईं
अठै नईं
इंयां नईं
बिंयां नईं…

जाणै रिकार्ड माथै
अटक्योड़ी हुवै सुई
अर बाजै एक ई ओळी
अबार नईं…
अठै नईं…
इंयां नईं…
बिंयां नईं…