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एक करोड़ वर्ष से तुम्हें नहीं देखा / महादेव साहा / सुलोचना

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एक करोड़ वर्ष से तुम्हें नहीं देखा
एक बार तुम्हें देख सकूँगा
यह आश्वासन मिले तो —
विद्यासागर की तरह मैं भी तैरकर पार करूँगा भरा दामोदर
कुछेक हज़ार बार पार करूँगा इंग्लिश चैनल;

तुम्हें, बस, एक बार देख सकूँगा इतना भर भरोसा मिले तो
अनायास फाँद जाऊँगा इस कारा की प्राचीर,
दौड़ पडूँगा नागराज्य और पातालपुरी की ओर
या बमवर्षक विमान उड़ते हों जहाँ
ऐसी आशंका वाले शहर में।

अगर मुझे पता हो कि मैं तुम्हें एक बार मिल सकूँगा,
तो उतप्त मरुभूमि
अनायास चलकर पार करूँगा,
कँटीले तारों को फाँद जाऊँगा सहज ही,
लोकलाज झाड़ पोंछकर
गिर जाऊँगा किसी भी सभा में
या पार्क और मेले में;

एकबार मिल सकूँगा सिर्फ़ यह आश्वासन मिले तो
एक पृथ्वी की इतनी सी दूरी मैं आसानी से तय कर लूँगा ।
तुम्हें देखा था कितने समय पूर्व,
कभी, किसी बृहस्पतिवार को
और एक करोड़ वर्ष से तुम्हें नहीं देखा ।
 —
मूल बांगला भाषा से अनुवाद : सुलोचना

लीजिए, अब यही कविता मूल बांगला में पढ़िए
                 মহাদেব সাহা
  এক কোটি বছর তোমাকে দেখি না

এক কোটি বছর হয় তোমাকে দেখি না
একবার তোমাকে দেখতে পাবো
এই নিশ্চয়তাটুকু পেলে-
বিদ্যাসাগরের মতো আমিও সাঁতরে পার হবো ভরা দামোদর
কয়েক হাজার বার পাড়ি দেবো ইংলিশ চ্যানেল;

তোমাকে একটিবার দেখতে পাবো এটুকু ভরসা পেলে
অনায়াসে ডিঙাবো এই কারার প্রাচীর,
ছুটে যবো নাগরাজ্যে পাতালপুরীতে
কিংবা বোমারু বিমান ওড়া
শঙ্কিত শহরে।

যদি জানি একবার দেখা পাবো তাহলে উত্তপ্ত মরুভূমি
অনায়াসে হেঁটে পাড়ি দেবো,
কাঁটাতার ডিঙাবো সহজে, লোকলজ্জা ঝেড়ে মুছে
ফেলে যাবো যে কোনো সভায়
কিংবা পার্কে ও মেলায়;

একবার দেখা পাবো শুধু এই আশ্বাস পেলে
এক পৃথিবীর এটুকু দূরত্ব আমি অবলীলাক্রমে পাড়ি দেবো।
তোমাকে দেখেছি কবে, সেই কবে, কোন বৃহস্পতিবার
আর এক কোটি বছর হয় তোমাকে দেখি না।