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एक कविता की मौत / माधवी शर्मा गुलेरी
Kavita Kosh से
बिलख रही हूँ मैं
एक कविता की मौत पर
जन्म लेने से ठीक पहले
दम तोड़ दिया जिसने
अभी-अभी
मेरी कोख में।