एक जान दुख इतने सारे
ओ बचपन फिर से आ जा रे
दूर-दूर तक सन्नाटा है
तनहा पंछी किसे पुकारे
अनजाने सुख की आशा में
नगर-नगर भटके बंजारे
किसे पता है इस बस्ती में
कब आ जाएँगे हत्यारे
क्षमताओं के नन्हें बाज़ू
इच्छाएँ हैं चाँद सितारे
एक जान दुख इतने सारे
ओ बचपन फिर से आ जा रे
दूर-दूर तक सन्नाटा है
तनहा पंछी किसे पुकारे
अनजाने सुख की आशा में
नगर-नगर भटके बंजारे
किसे पता है इस बस्ती में
कब आ जाएँगे हत्यारे
क्षमताओं के नन्हें बाज़ू
इच्छाएँ हैं चाँद सितारे