एक ट्रक के पीछे-पीछे जो इको फ्रेंडली नहीं है / राग तेलंग
राष्ट्रीय राजमार्ग पर आ गया हूं
अपनी दो-पहिया पर सवार
मेरे आगे-आगे एक खस्ताहाल, पुराने मॉडल का ट्रक
शोर मचाता काला धुंआ छोड़ता चला जा रहा है
जो सीधे मेरे फेफड़ों समाता जा रहा है
ट्रक ने आगे निकलने की जगह रोक रखी है
ध्यान ट्रक के पिछवाड़े लगे ’राजनीति’ फिल्म के पोस्टर पर जाती है
सोच में डूब जाता हूं कुछ सुनाई नहीं दे रहा
दिखाई भी देता है आगे तो धुंधला-धुंधला
वैसे तो नए कानून के मुताबिक
प्रदूषण-मानकों पर खरा नहीं उतरता इस ट्रक का मॉडल
मगर ये ट्रक है कि बेखौफ चल रहा है
साठ से भी ज्यादा की स्पीड से
आगे कुछ दिखाई नहीं दे रहा
और मैं राजनीति वाले ट्रक से आगे निकलना चाहता हूं कि
खुली हवा में सांस ले सकूं
गुस्से से ट्रक की ओर देखता हूं तो
’राजनीति’ लिखे हुए पर आंखें ठहर जाती हैं
कुछ नीचे देखता हूं तो लिखा हुआ देखता हूं
’बुरी नजर वाले तेरा मुंह काला’
और झुकाता हूं नजर तो नजर आता है
एक लटकता फटा जूता साथ झूलती एक तख्ती के साथ
जिस पर है इबारत ’मिलेगा मुकद्दर’
अपने मुकद्दर पर अफसोस जताते हुए
सांस रोके
काला धुंआ उगलते ट्रक के पीछे-पीछे बना रहता हूं
काला धुंआ कभी तो छंटेगा
यह सोचकर।