भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

एक थी खाप / मृदुला शुक्ला

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

एक थी खाप
एक दिन

हुकुम हुआ
बेटियाँ ब्याह दी जाएँ
सोलह वर्ष से पूर्व

जनक ने सुना
स्वयंवर रचा
हज़ारों में
महापराक्रमी राम को चुना
और सोलh वर्ष से पूर्व
ब्याह दी गयी सीता
‘फिर भी'
हरण
अग्निपरीक्षा
वन गमन
(अंत में भूमिगत होना पड़ा )

एक थे द्रुपद
उन्होंने सुना
स्वयंवर रचा
और सौंपी अपनी पुत्री
पांच महापराक्रमी पुरुषों की सुरक्षा में
फिर भी ?
चीरहरण ?
(क्या पहना था द्रौपदी ने, कहीं स्कर्ट तो नहीं?)

एक थी अहिल्या...

अरे त्रेता के धोबियों
कलयुग में फिर से आ गए
खाप बनकर?