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एक दिन औरत का दिन होगा / जया जादवानी
Kavita Kosh से
एक दिन औरत का दिन होगा
एक दिन वह खिलाएगी
दूध से सनी रोटियां
दुनिया के सारे बच्चों को
एक दिन होंगी उसकी छातियां
प्रेम की नदी से भरपूर
वह चलना सिखाएगी
दुनिया की सारी सभ्यताओं को
वह हंसेगी कि
उसकी हंसी में होगी सिर्फ हंसी
और कुछ नहीं होगा
गीत फूटेंगे होंठों से
लोरियां बनकर
वह स्थगित कर देगी
सारे युद्ध, सारे धर्म
वह एतबार का पाठ पढ़ाएगी
एक दिन औरत का दिन होगा
जब हम जान नहीं पाएंगे उसका सुख
क्योंकि हम कभी जान नहीं पाए
दुःख उसका...!