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एक दिन है देश / गुल मकई / हेमन्त देवलेकर
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एक देश है दिन
सूरज उसका राष्ट्रीय ध्वज
हर एक जो
गुंथा हुआ काम में -
सलामी दे रहा
फहराते झंडे को
हर एक आवाज़
जो किसी क्रिया से उपजी है -
राष्ट्र-गान है।