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एक दिन / अनिल जनविजय
Kavita Kosh से
एक दिन
एक चित्र बनाऊँगा मैं
और उसका नाम रखूँगा
सुनहरी धुँध
उसमें
मैं होऊँगा
तुम होंगी
और होंगे ढेर सारे बच्चे
पतझर के
पीले सूखे पत्तों पर
लेटे होंगे हम
पूरी तरह सुखी
(1996)