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एक दिन / विक्रम सुब्बा
Kavita Kosh से
थकित बूढो घाम
गोधुली-क्षितिजतिर जब पस्छ
जिन्दगीको हाँगाबाट
मेरो उमेरको एउटा पात
अँध्यारो नदीमा खस्छ…