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एक नवजात की शवयात्रा में / अरविन्द श्रीवास्तव

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अभी तितलियों का फूलों से संवाद बाकी था
बाकी थे अभी गुब्बारों में हवा भरा जाना
अभी खिलौना-घरों के टैडीबीयरों ने हाथ
बढ़ाया ही था
अभी झुनझुनों से पैदा की जानी थी आवाज़
चाकलेटों को स्वादों के परीक्षण से
गुज़रना था अभी बाकी
कोपलों में पत्ते फूटने की खुशी थी
अभी शब्दकोष के लिए तामीर होने थे
नए-नए शब्द
अभी छीनने थे कसाई हाथों के खंजर
और खोलने थे बंदीगृह के ताले
अभी डालने थे शैतान को पिंजरे में
कितनी-कितनी जिज्ञासाओं और तिलस्म से
पर्दा उठना बचा था अभी

अभी शेष थीं सुलझाने के लिए
अंतरिक्ष की असीम गुत्थियाँ

इन्ही परिदृश्यों में
शामिल होना था हमें
एक नवजात की शवयात्रा में

वहाँ सत्य और गत्य का कोई शोर-शराबा
नहीं था
मुलायमियत से मिट्टी में दबाने की परम्परा
स्थापित की गई थी नवजातों के लिए

उस निर्जन स्थल पर मैंने
एक क्रूर सेनापति को
रोते हुआ देखा था ।