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एक नास्तिक के प्रार्थना गीत-3 / कुमार विकल
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प्रभु जी मेरी एक विनय तो सुन लो
सभी प्रार्थनाएँ लेकर मुझसे
एक शराबी कविता दे दो
जो मुझको सस्ती शराब के अड्डों पर ले जाए
जहाँ बूढ़े ,बेकार और बेकार रंडियाँ
या छाँटी मज़दूर
ज़हरीली दारू पी कर मर जाते हैम
अख़बारों के कालम भर कर
जीवन की कीमत जो मरने पर पाते हैं.