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एक परी है / श्रीप्रसाद
Kavita Kosh से
एक परी है नीली-नीली
एक परी है हरी-हरी
एक परी है पीली, जिसकी
फूलों से है फ्राक भरी
तीनों परियाँ गाना गातीं
नाच दिखातीं छम-छम-छम
आओ, आओ, इन तीनों
सुंदर परियों को देखें हम
गुड़िया एक नई नीली है
और एक है हरी-हरी
और एक गुड़िया पीली है
माँगें हैं सिंदूर भरी
तीनों गुड़ियाँ बातें करतीं
कहतीं रोज कहानी हैं
तीनों गुड़ियों की भोलीभाली
सी एक बूढ़ी नानी हैं
तीनों परियाँ तीनों गुड़ियाँ
छह सहेलियाँ छोटी-सी
एक सहेली बिलकुल नन्ही
एक सहेली मोटी-सी
खेल रही हैं मिलजुल करके
हँसती हैं ये सब हरदम
प्यारी-प्यारी बड़ी दुलारी
नन्ही खाती है चमचम।