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एक प्यारी सी बच्ची / अनुभूति गुप्ता
Kavita Kosh से
सागर में
मखमली लहरों का
ऐसे
हर्ष-हिलोर होना,
जैसे,
एक प्यारी-सी बच्ची का
घर के आँगन में
खेलना-कूदना।
धरती पर
नन्हें-नन्हें बादलों का
रूक-रूक के
बरसना,
जैसे,
एक प्यारी-सी बच्ची की
आँखों से
अश्रुओं की नव-धारा का
बहना।
पक्षियों के
पंख टूटने पर
उनका उदास होना,
जैसे,
एक प्यारी-सी बच्ची का
अपने
पसंदीदा खिलौने के
टूटने पर
सिसकियाँ भरते हुए रोना।