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एक बार ही ज़िन्दगी देती है अवसर / रंजना वर्मा

एक बार ही ज़िन्दगी देती है अवसर।
चाहे अच्छी ले बना या कर ले बदतर॥

जीवन के संग्राम में युद्ध रहे हर पल
पर केवल अपने लिए होते नहीं समर॥

कहा कृष्ण ने था यही कर्म नित्य कर तू
फल की चिंता छोड़ दे मिल जाये सत्वर॥

केवल अपने ही लिये पशु समान जीवन
नदियाँ नित बहती रहें हिमगिरि से गिरकर॥

अपनी जीवन साधना मानें सदा सफल
औरों की तकलीफ़ जो पायें थोड़ा हर॥

अलंकार से युक्त हों सारे काव्य से सृजित
भाव भरे मृदु गीत हों सुंदर हर अक्षर॥

सुख दुख मय संसार में बेघर जीव हुआ
संकट दीजे काट सब अब तो राधावर॥