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एक बेहद लम्बी सुरंग है समय / हेमन्त शेष
Kavita Kosh से
एक बेहद लम्बी सुरंग है
समय
जिसके भीतर गुज़रते वक़्त
कुछ ऎसा लगता है जैसे आप हल्की हरारत में
ताज़ा गुलदस्ते लेकर पछतावों
के पीछे दौड़ रहे हों