भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

एक भावना / आलोक श्रीवास्तव-२

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

व्योम के रंग में एक उदासी
समुद्र का थका तट
ये ठहरी हवाएं

क्या सच में तुमने नहीं जाना
पश्चिम में रोज़ सूर्य नहीं
डूब जाती है एक भावना
निष्फल, आहत
हताश !