भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

एक मित्रता / सपन सारन

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

किताब खुली
कवि को देखा
कवि ने
आँखें मिलीं
हैरानी हुई
फिर पहचान

विचार — एक की आँख से छलके
दूसरी में चमके।

सदियों को जोड़ती
एक मित्रता हो गई
प्राचीन की
नवीन से ।