भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
एक मित्र की बीमारी / हरिवंश राय बच्चन / विलियम बटलर येट्स
Kavita Kosh से
बीमारी में, एक तराजू के पलड़े में
पड़ा हुआ है,
देखा मैंने उसे ध्यान से;
सारी दुनिया एक लपट में
अगर कोयले-सी जल जाए,
तो भी कोई वजह नहीं है मन घबराए;
मैंने अब यह देख लिया वह तुल सकती है
एक अकेले आत्मवान से ।
मूल अँग्रेज़ी से हरिवंश राय बच्चन द्वारा अनूदित
लीजिए अब पढ़िए यही कविता मूल अँग्रेज़ी में
William Butler Yeats
A Friend's Illness
SICKNESS brought me this
Thought, in that scale of his:
Why should I be dismayed
Though flame had burned the whole
World, as it were a coal,
Now I have seen it weighed
Against a soul?