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एक मौत के बाद / टोमास ट्रान्सटोमर / मोनिका कुमार
Kavita Kosh से
एक बार एक सदमा लगा
जो अपने पीछे लम्बी चमकती हुई पुच्छल छोड़ गया
यह सदमा हमें भीतर क़ैद कर देता है
टी० वी० पर आती फोटो को धुन्धला देता है
टेलीफ़ोन के तारों पर यह ठण्डी बून्दें बन कर जम जाता है
जाड़े की धूप में
झाड़ी की ओट में
जहाँ अभी भी कुछ पत्ते लटक रहे हैं
धीरे-धीरे यहाँ स्कीइंग की जा सकती है
ये पत्ते ऐसे दिखते हैं जैसे पुरानी
टेलीफ़ोन डायरेक्टरी से फाड़े गए हों
ठण्ड की वजह से जिनके नाम मिट गए हैं
अभी भी अपनी साँस को सुनना अद्भुत है
लेकिन अक्सर परछाइयाँ
जिस्म से अधिक सच्ची लगती हैं
अपने दैत्याकार
काले बख़्तरबन्द के सामने
समुराई ख़ुद मामूली लगता है
अँग्रेज़ी से अनुवाद : मोनिका कुमार