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एक विदागीत की अधूरी पंक्तियाँ / हेमन्त कुकरेती

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चिड़िया तो तू मेरी ही ठहरी
मेरी आंखों में ही था
तेरा पहला घोंसला

मैंने ही सिखाया था
निडर उड़ना

लौटते कैसे हैं
बस यह सिखाना भूल गया ....