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एक सहारा बाबूजी / एस. मनोज
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जीवन के हर गम में, तम में
एक सहारा बाबूजी
कठिन काल, गहरे मातम में
एक सहारा बाबूजी
सर्जनरत माता मरियम का
एक सहारा बाबूजी
अंकुर, कोंपल, किसलय सबका
एक सहारा बाबूजी
छू ले हाथ गगन को कैसे
एक सहारा बाबूजी
कटे न जीवन जैसे-तैसे
एक सहारा बाबूजी
लक्ष्य हिमालय शिखर सरीखा
एक सहारा बाबूजी
दुर्गम पथ पर चलना सीखा
एक सहारा बाबूजी
अंधकार जब कभी डराता
एक सहारा बाबूजी
तूफानों से मन घबराता
एक सहारा बाबूजी
नीति, न्याय, सत पथ पे चलना
एक सहारा बाबूजी
तप्त लौह बन साँचे ढलना
एक सहारा बाबूजी।