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एना जो डिठाना की सरसर पाटी ओ / पँवारी
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पँवारी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
एना जो डिठाना की सरसर पाटी ओ
आठ जो कुरण्डुल नव दिवलानीऽऽ
डिठाना घड्यो बाढ़ी यू दादा नऽ
या दिवली घड़ी ओ राया लुहार नऽ
या दिवली पझरय ओ महादेव की ड्यौढ़ी
रानी या पारवती झरअ मरी