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एहसास / रतन सिंह ढिल्लों
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कितनी निराशा देता है
घोड़े को
बूढ़े होने का एहसास
जब उसके पैर
सड़क के बदन पर
चिंगारियाँ निकालने में
हो जाते हैं असमर्थ ।
मूल पंजाबी से अनुवाद : अर्जुन निराला