मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
एहे पूजा लय रौ एलीयै फलका पर
सोना मंदिर बौआ हमरा बनबियौ
हमरा पूजा मोतीराम दऽ दे
सोना मंदिरबा हम तोरा से मंगैछी रौऽ।
एतबे वचनियाँ मोतीराम सुनै छै
तरबा लहरिया मोती के चढ़लै
खडुआ नंगोटा हाथमे लेलकै
खेल बंद मोती जे केलकै
खीच-खीच दुलरा दुर्गा के मारै छै
हकन कनै छै मैया दुर्गा
भागल दुर्गा महिसौथा चललै
डर के मारे दुर्गा फलका पर से भागि गेलै यौ।।
मने मन मैया दुर्गा सोचैय
जो जो नै बेइमनमा भल हेतै
जहिना कबूला रौ हमरा केलही
सोना मंदिर नै हमरा बनबले
मुका कोड़ा से हमरा मारले
जइ कनियाँ के डोला फनबले
तीसीपुर से डोलिया लबले
त्रिया भल नै हम तोरा हुअ देबौ रौऽऽ।