ए भी बेइमान याके बाप बेइमान रहे
दादा बेइमान याके सकल जहान में।
मार के देवाला ई तो केतने घर घाला
अब देता है ठाला मस्त बइठा है दूकान में।
भारी बात बनवा याके बात के ठेकाना नहीं
खाली लामकाफ एको पइसा ना मकान में।
द्विज महेन्द्र रामचन्द्र सउदा कुछ लीजे नाथ
कीजे ना लेहाज मेरे बैठिए दूकान में।