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ऐंसु कु चुनौ / सुन्दर नौटियाल

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ऐंसु का चुनौउ मा दिदौं मेरु बि दल बदल्यूं ।
पैली हाथ कु साथ थयौ अब फूल कमल खिल्यूं ।।

गळी-गल्यों मा नेता फुटणा जन बरख्याळ डांडा च्यूं,
सबु दगड़ि जनता भगणि जनु डांडि-कांठ्यों कु ह्यूं ।
हम बि चलाचली मा छयां हम बि होंया ह्यूं-च्यूं ।
ऐंसु का चुनौउ मा ......................।

बरसु की तैयारी मेरी गळि गौं-गौंउ घुम्यौ मी,
चुड़ाकरम ब्यौ बराति कौ काज मा पौछ्यों मी ।
मैन डकारि कई योजना पर अब चोळा बदल्यूं ।।
ऐंसु का चुनौउ मा ......................।

दरवाळों तैं दारू पिलाणु गरीबु तैं खाणु खिलाणु,
कैका हाथों मा नोट रखणु रंग-रंगुका सुपिना दिखाणु ।
जनता पर हि खरचा कनू जुकुछ जनता सि थै कमयूं ।।
ऐंसु का चुनौउ मा ......................।

पार्टी होयीं डांवाडोल मैं क्यों रहूँ पार्टी गैल,
मेरी अपड़ी छवि बणयीं सबि मेरा अग्वाड़ी फेल ।
अपड़ा दम सि छ चुनौ मा मैं बि निरदली ह्वे ग्यूं ।।
ऐंसु का चुनौउ मा ......................।
पैली हाथ कु साथ .........................।