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ऐसा लगा / रसूल हमज़ातफ़ / साबिर सिद्दीक़ी
Kavita Kosh से
ऐसा लगा कि ले लिया है मैंने दुबारा जन्म
पैदा हुआ है जब कोई नन्हा-सा शहसवार,
कानों ने जब भी सुन ली है शहनाइयों की लय
ऐसा लगा मैं दूल्हा बना हूँ फिर एक बार ।
महसूस की है माँओं की आँखों में तब नमी
जब नारियों की हिचकियों का शोर है सुना,
कोई जवाँ शहीद हुआ जब तो यूँ लगा
तैयार हो रही है कहीं मेरी भी चिता ।
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रूसी भाषा से अनुवाद : साबिर सिद्दीक़ी