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ऐसा ही होना चाहिए / पेटर रोज़ेग्ग
Kavita Kosh से
फूल पे नाराज़ न हो, जब वो खिलता है
चिड़िया पर नाराज़ न हो, जब वह गाती है
कोयले पे भला, कौन नाराज़ होगा, जब वह जलता है
और घण्टे से कौन कहेगा -- वह क्यों बजता है ?
जब खमीर उठे शराब में तो कौन दुखी होता है
या आँधी चले जब तो कौन कुपित होता है
जब शर्म आए किसी को तो गुस्सा करके क्या होगा
जब प्यार आए किसी पर तो कौन होगा नाराज़
ऐसा होना चाहिए, ऐसा ही होना चाहिए
हमेशा ऐसा ही होना चाहिए ।
रूसी भाषा से अनुवाद : अनिल जनविजय