ऐसू नया साल पर / अश्विनी गौड 'लक्की'
देश दुनिया अर समाज
सबुका मन मा
नया नया ख्याल
शिक्षा संस्कृति अर हुनर की
पौध भली पौजी जो,
पढया लिख्या नौन्याळू हाथ्यूं
रोजगार सौजी जो।
निर्भाग कु भाग लिख्यों
काल का कपाल पर
दुर्बुद्धि सुबुद्धि बंट्यों
ऐसू नया साल पर!
मुल्क अर देश मा
तरक्की खूब बात ह्वो
बेटी ब्वार्यूं तै भय न रो
चै दिन चै रात ह्वो,
नया नया फूल खिलुन
सूख्या टंगटंगा डाल पर
ह्वोणखाणे छवी बथ ह्वोन
ऐसू नया साल पर!
पद पौ-प्रतिष्ठा मिलू
अन्न अर पांणी तै,
खार्यूं भरी सम्मान खत्यों
किसाणों की धांणी तै
दिन-रात पसिना बगोंदा जु
मैनते कमै का माल पर,
भरपूर फैदा मिलू तौं
ऐसू नया साल पर!
दुनिया का ग्लोब मा
डंका बाजू हमारा नौं कु
ध्वज फरारु लैरै जो
मुल्क माटी अर गौं कु।
चळकुदु ह्यूं चमकुदु रौ
हिमालै का भाल पर
स्वाभिमान बिज्यूं रौ
ऐसू नया साल पर!