ऐसे निज नाम की खबर जब आई।
नाशी जिकर फिकर तन की हम अधार दीदार जगाई।
भयो अडोल अकल अनभै की सकल सोच वृभ दूर बहाई।
बलहारी सतगुरु चरनन की जिन जो मारग दियो लखाई।
जूड़ीराम मगन भओ मनुआ राचों रंग प्रेमधुन छाई।
ऐसे निज नाम की खबर जब आई।
नाशी जिकर फिकर तन की हम अधार दीदार जगाई।
भयो अडोल अकल अनभै की सकल सोच वृभ दूर बहाई।
बलहारी सतगुरु चरनन की जिन जो मारग दियो लखाई।
जूड़ीराम मगन भओ मनुआ राचों रंग प्रेमधुन छाई।