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ऐसो दीदार दरख जब आयो / संत जूड़ीराम

ऐसो दीदार दरख जब आयो।
भयो प्रकाश शब्द सतगुरु को प्रेम प्रकट आनंद उर छायो।
भागो भर्म सकल भव नासी विमल विवेक एक मत भायो।
डामाडोल कल्पना जीव की दिल की दुबदा दूर भगायो।
भयो अडोल सुरत ठहरानी बैठ महल में कहल बुझायो।
ठाकुरदास मिले गुरु पूरे अमर लोक के हंस मिलायो।