भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
ऐ आदिवासी लड़की / निवेदिता झा
Kavita Kosh से
ऐ लड़की
क्यों गाती हो चेरो राजा की वीरगाथा संगीत में
दीवारों पर पीला रंग उतर आता है
पहले भी ऐसा होता था
तुम जानती हो न
रोपती हो जब भी स्मृतियाँ
माथे पर गुदना का
दुखने लगता है तुम्हारा
तुम भूल जाओ सबकुछ
देखो न उफन रही है दुमुहान नदी
उतर रही है वहाँ साँझ
पैरों में पहन चांदी के मोटे पायल
तुम जाओ नाचो अपनी धरती की चुनरी ओढ
सर पर बनफूल लगा
मुझे भी ले चल संग
अब जानले,
तुमसे जीवन है
तुम ही से संगीत है
एक बार मुस्कुरा दे रे