ऐ बरतर अज़ ख़्यालो क़यासो गुमाने मा / नज़ीर अकबराबादी
ए बरतर अज ख़यालो कयासो गुमाने मा<ref>वह व्यक्तित्व जो हम लोगों के ख़्याल गुमान और वहम से भी परे है</ref>
यारब<ref>ईश्वर</ref> है तेरी जात<ref>व्यक्तित्व</ref> को दोनों जहां में बरतरी<ref>श्रेष्ठता</ref>।
है याद तेरे फज्ल<ref>कृपा</ref> को रस्में खलाइक<ref>जनसाधारण</ref> परवरी<ref>पालन करना</ref>।
दाइम<ref>सदा</ref> है खासो आम<ref>प्रत्येक व्यक्ति पर</ref> पर लुत्फ़ो<ref>आनंद</ref> अता हिफ़्ज़<ref>रक्षा हिफाज़त</ref> आवरी।
क्या उनसिया<ref>स्त्रियाँ</ref>, क्या तायेरा<ref>पक्षी</ref>, क्या वह्श<ref>जंगली जानवर</ref>, क्या जिन्नों<ref>आग से पैदा होने वाले, दिखाई न देने वाले प्राणी</ref> परी<ref>अप्सरा</ref>।
पाले है सबको, हर जमा तेरा करम<ref>कृपा</ref> और यावरी<ref>सहायता</ref>।
तू खालिके<ref>उत्पत्तिकर्ता, पैदा करने वाला</ref> अर्ज़ों समा<ref>पृथ्वी, आकाश</ref>, तू हाकिमे क़ुदरत नुमा<ref>दिखाने वाला</ref>।
है हुक्म तेरा जा बजा<ref>जगह जगह</ref>, ले अर्श<ref>आकाश</ref> ता तहतूस्सरा<ref>पाताल</ref>।
बरतर<ref>श्रेष्ठ</ref> मुक़द्दस<ref>पाक, पवित्र</ref>, जुलउला<ref>बहुत बड़ा</ref>, बंदे<ref>गुलाम</ref> तेरे शाहो<ref>बादशाह</ref> गदा<ref>फ़कीर</ref>।
दुनियाओ<ref>दुनिया और धर्म</ref> दी की या खुदा बरहक<ref>दुरुस्त, सच</ref> तुझी को है रवा<ref>उचित, वाजिब</ref>।
फरमारबाई<ref>बादशाही</ref>, हाकिमी, शाही<ref>बादशाही</ref>, खुदाई, सरवरी<ref>बुज़ुर्गी</ref>।
क़ुदरत ने तेरी हर जमा<ref>प्रत्येक काल मे</ref> लेकर जमीं ता<ref>तक</ref> आस्माँ।
क्या क्या बहारें की अया<ref>प्रकट</ref>, क्या क्या दिखाई खूबियाँ।
मर्गूब<ref>रुचिकर</ref> रंगआमेजिया<ref>चित्रकारी</ref>, महबूब हुस्न आराइयाँ<ref>सुंदरता को आभूषित करना, बहुत सुंदर</ref>।
हक<ref>सच है</ref> तेरी सनअत<ref>हुनर, कारीगरी</ref> पै यहाँ हैं खत्म लारेबो<ref>निस्संदेह, बेशक</ref> गुमा<ref>शंका, शक</ref>।
रंगीनी-ओ, तर्राही<ref>नक्काशी</ref>, आं नक्काशी ओ, सूरत गरी<ref>चित्र बनाना, तस्वीर बनाना</ref>।
तूने बनाये सब फ़लक<ref>आकाश</ref> पैदा किये हूरो<ref>स्वर्ग में रहने वाली सुंदर स्त्रियाँ</ref> मलक<ref>फरिश्ते</ref>।
इंसा सबीहो<ref>सुंदर, हसीन, गौरवर्ण</ref> पुर नमक, हैवा<ref>पशु, जंगली पशु</ref> अजायब<ref>विचित्र</ref> यक बयक<ref>अनायास</ref>।
हर जी तजल्ली<ref>रोशनी</ref> और झमक बे इंतिहा<ref>अत्यधिक</ref> नूर और चमक।
कहती है दानिश<ref>बुद्धि</ref> उनको तक, है यह भी क़ुदरत की झलक।
चमके हैं जिससे इस कदर खुर्शीदी<ref>सूरज</ref> माहो<ref>चाँद</ref> मुश्तरी<ref>बृहस्पति</ref>।
तू कादिरो<ref>क़ुदरत रखने वाला</ref> सुबहान<ref>पाक</ref> है, अकदस<ref>बहुत पवित्र</ref> मुअल्ला<ref>उत्तम, श्रेष्ठ</ref> शान है।
ख़ालिक़<ref>पैदा करने वाला</ref> है और रहमान<ref>रहम करने वाला</ref> है रज़्जाक<ref>अन्नदाता</ref> और मन्नान<ref>अहसान करने वाला</ref> है।
तेरा करम<ref>कृपा</ref> हर आन है, एहसान बेपायान<ref>असीम, बेहद</ref> है।
हमको यही शायान<ref>मुनासिब</ref> है, जब तक बदन मे जान है।
हर आन<ref>वक्त</ref> में लावें बजा शुकरानओ<ref>देने वाले की तारीफ</ref> फरमाबरी<ref>आज्ञाकारिता</ref>।
जो जो है तेरी कुदरतें क्या क्या बयां उनका करें।
आती नहीं कुछ फह्म<ref>अक्ल, बुद्धि</ref> में, जूज़<ref>अतिरिक्त</ref> यह कि उनको तक रहें।
क्या क्या बनाई नैमतें, क्या क्या बनाई रहमतें।
कब शुक्र उनका कर सकें लेकिन यही हर दम कहें।
यारब तेरा फज़्लो करम लुत्फ़ो<ref>करुणा</ref> इनायत<ref>कृपा करना</ref> गस्तरी।
है तू ही रब्बुल आलमी<ref>पूरी दुनिया को पैदा करने वाला और पालने वाला</ref>, और तू ही खैरूर्राहिमी<ref>सबका भला करने वाला</ref>।
यकताई<ref>बेमिसाली, जिसके समान कोई न हो</ref> है तेरे तई, हमसर<ref>बराबर</ref> तेरा कोई नहीं।
ले आस्माँ से ता जमीं, हैं सब इबादो<ref>सेवक</ref> ताबई<ref>आज्ञाकारी</ref>।
है यह ‘नज़ीर’ इस्यांकरी<ref>पापों में लिप्त</ref> जाने है बा सिद्कोयकी<ref>सच्चे विश्वास</ref>।
होगी तेरे ही फज्ल से हर जा मेरी खोटी खरी।