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ऐ हुस्न खुदा, अगर खुदा है / तारा सिंह

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ऐ हुस्न खुदा, अगर खुदा है
तो तू खुदा से कम नहीं

उसमें है तीनो जहाँ का दम
तुझमें जमाने का दम कम नहीं

तू ने ही तो सँभाला है मुझको
मेरे बहके ये दो कदम नहीं

मौत अगर मौत है , तो
मौत जिश्त से कम नहीं

चाहे लाख करे कोई पूजा
होती उससे गुनाह कम नहीं