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ओजी म्हारी सहेल्यां जोवे बाटो / राजस्थानी
Kavita Kosh से
♦ रचनाकार: अज्ञात
ओजी म्हारी सहेल्यां जोवे बाटो, भंवर म्हांने खेलण द्यों गणगौर
खेलण द्यो गणगौर-गणगौर, भंवर म्हांने निरखण द्यो गणगौर
जी म्हांरी सहेल्यां...
के दिन की गणगौर, सुन्दर थांने कतरा दिन को चाव
सोळा दिन की गणगौर, भंवर म्हांने सोळा दिन को चाव
ओजी म्हांरी सहेल्यां...
सहेळ्यां ने ऊभी राखो, सुन्दर थांकी सहेळ्यां ने ऊभी राखो
जी थांकी सहेळ्यां ने दोवंण गोट, सुन्दर थाने खेळणं दां गणगौर
खेलण द्यो गणगौर...